ब्रिक्स: एक विशेष नज़र (BRICS Special)
By Dr. Vijay (Experts of IAS) Whatsapp on 8447410108
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका
ब्रिक्स समूह, पांच देशों, भारत, रूस, चीन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका का एक संगठन जिसका मकसद दुनिया के बाकी देशों के साथ इन पांच देशों के बेहतर आर्थिक रिश्ते कायम करना है।
पांच देशों का समूह
BRICS पांच देशों का समूह है। इसमें Bका मतलब ब्राजील, R का मतलब रूस, I का मतलब इंडिया यानी भारत, C का मतलब चीन और S का मतलब साउथ अफ्रीका यानी दक्षिण अफ्रीका है। ब्रिक्स के ये सभी पांच देश जी-20 के भी सदस्य हैं।
कब हुई इसकी शुरुआत
पहले ब्रिक्स समिट का आयोजन रूस के येकाटेरींबर्ग में 16 जून 2009 को किया गया था। इस समिट में शामिल पांच देशों के प्रमुख के तौर पर लूईज इनासियो, लूला दा सिल्वा, दीमित्री मेदवेदेव, मनमोहन सिंह और हू जिंताओं ने शिरकत की थी। उस समय रूस के राष्ट्रपति दीमित्री मेदवेदव ने इसकी मेजबानी की थी।
पहले था सिर्फ ब्रिक
वर्ष 2010 से पहले ब्रिक्स को सिर्फ ब्रिक के तौर पर जानते थे। उस वर्ष साउथ अफ्रीका ब्रिक का हिस्सा बना और फिर ब्रिक, ब्रिक से ब्रिक्स हो गया। 15 अप्रैल 2010 को आयोजित दूसरे ब्रिक्स सम्मेलन में साउथ अफ्रीका को पांचवें देश के तौर पर संगठन में शामिल किया गया था
अब तक कहां-कहां हुआ आयोजन
- 2009 - येकातेरियनबर्ग(Yekaterinburg), रूस
- 2010 - ब्रासिलिया, ब्राजील
- 2011 - सान्या, चीन
- 2012 - नई दिल्ली, भारत
- 2013 - डरबन, दक्षिण अफ्रीका
- 2014 - फोर्टालेज़ा और ब्रासीलिया, ब्राजील
- 2015 - ऊफा, रूस
- 2016 - गोवा भारत
- 2017 - शियामेन(Xiamen)चीन
शुरू हुआ ब्रिक्स बैंक
जब चौथा ब्रिक्स सम्मेलन भारत में हुआ तो यहां पर वर्ल्ड बैंक की तर्ज पर ही ब्रिक्स देशों के बैंक यानी ब्रिक्स बैंक को शुरू करने का विचार किया गया। वर्ष 2014 में जब छंठवां ब्रिक्स सम्मेलन हुआ तो इस बैंक को मंजूरी मिल गई। इसके बाद वर्ष 2015 में चीन के शहर शंघाई(Shanghai,) में ब्रिक्स बैंक के हेडक्वार्टर का ऐलान कर दिया गया। इस बैंक को न्यू डेवलपमेंट बैंक यानी एनडीबी(NDB) के नाम से जानते हैं। भारत के केवी कामथ इसके पहले प्रेसीडेंट हैं। साउथ अफ्रीका के जोहांसबर्ग में इसका पहला रीजनल ऑफिस खोला जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य:-
- ब्रिक्स के सदस्य देशों में विश्व के पांच देश शामिल हैं
- B - Brazil
- R- Russia
- I - India
- C- China
- S- South Africa
- ब्रिक्स के पांच सदस्य देशों में दुनियॉ की 43% आबादी रहती है
- विश्व सकल घरेलू उत्पाद में इनकी हस्सेदारी 25% से अधिक है
- 2012 से पहले BRICS का नाम BRIC था, 2012 में South Africa शामिल होने के बाद यह BRICS हो गया
- 2012 में ब्रिक्स देशों का चतुर्थ् शिखर सम्मेलन नई दिल्ली (New Delhi) में आयोजित किया गया
- ब्रिक्स सम्मेलन का लोगो IIT रूडकी के छाञ सोनेश जैन दवारा तैयार किया गया
- ब्रिक्स की अबतक 9 शिखर सम्मेलन आयोजित किये गये हैं
2017 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
वर्तमान में ब्रिक्स का नौवां वार्षिक शिखर सम्मेलन है, जिसमें पांच सदस्यीय देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीकाकी सरकारों के प्रमुख हिस्सा लेते है। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन चीन के शियामेन शहर में हुआ, इसके अलावा चीन ने 2011 में भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर चुका है।
ब्रिक्स समिट में पहली बार आतंकी संगठनों की खास लिस्ट का जिक्र किया गया है। इसमें पाकिस्तान के आतंकी गुट लश्करे-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीके-तालिबान, हक्कानी नेटवर्क का भी नाम शामिल है।
ज्वाइंट डिक्लेरेशन (घोषणा पत्र)
ब्रिक्स देशों की तरफ से जारी डिक्लरेशन में कहा गया, "हम तालिबान, लश्करे-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीके-तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, आईएसआईएस, हिज्ब उत-तहरीर, अलकायदा, ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट और उज्बेकिस्तान के इस्लामिक मूवमेंट द्वारा क्षेत्र में फैलाई जा रही हिंसा के चलते बिगड़े सुरक्षा हालात पर चिंता जताते हैं।"
- "हम आतंकवाद के सभी रूपों, इससे जुड़े ड्रग ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और दुनिया समेत ब्रिक्स देशों में हुए सभी आतंकी हमलों की आलोचना करते हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम इंटरनेशनल कोऑपरेशन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इसमें देशों की संप्रभुता का खयाल रखना चाहिए, किसी भी देश के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दिया जाना चाहिए।"
- "हम आतंकवाद के सभी रूपों, इससे जुड़े ड्रग ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और दुनिया समेत ब्रिक्स देशों में हुए सभी आतंकी हमलों की आलोचना करते हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम इंटरनेशनल कोऑपरेशन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इसमें देशों की संप्रभुता का खयाल रखना चाहिए, किसी भी देश के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दिया जाना चाहिए।"
- "ब्रिक्स देश यूएन की जनरल असेंबली की तरफ से 'कॉम्प्रिहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेरेरिज्म' (अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र समझौते) को जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने और इसे मंजूर किए जाने की भी मांग करते हैं। ब्रिक्स देश आतंकवाद से मुकाबले और इसके लिए की जा रही फाइनेंसिंग को रोकने के लिए व्यापक नजरिया अपनाएं।"
- सोमवार को समिट के प्लेनरी सेशन के अलावा रेसट्रिक्टेड ( restricted) सेशन भी हुआ। तीन सितंबर से शुरू हुई ब्रिक्स समिट 5 सितंबर तक चली
7 पैराग्राफ में आतंकवाद(Terrorism) की निंदा
- शियामेन में सोमवार को इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई। इसमें ब्रिक्स डिक्लरेशन की जानकारी दी गई। फॉरेन मिनिस्ट्री में सेक्रेटरी (ईस्ट) प्रीति सरन ने कहा, "आतंकवाद पर आप दोहरा रवैया नहीं अख्तियार कर सकते, इससे निपटने के लिए हमें आज साथ आने की जरूरत है। ब्रिक्स लीडर्स ने देशों से आतंकी नेटवर्क को फाइनेंसिंग और अपने क्षेत्रों में आतंकी कार्रवाईयों को रोकने के लिए कहा है। पहली बार डिक्लरेशन में आतंकी संगठनों की खास लिस्ट का जिक्र किया गया है। डिक्लरेशन के 7 पैराग्राफ्स में आतंकवाद की निंदा की गई। पीएम मोदी ने ब्रिक्स लीडर्स की रेसट्रिक्टेड ( restricted) सेशन में एक कॉन्फ्रेंस होस्ट करने की पेशकश भी की है।"।
नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर टेस्ट की आलोचना
- डिक्लरेशन में ये भी कहा गया कि ब्रिक्स देश नॉर्थ कोरिया द्वारा किए गए न्यूक्लियर टेस्ट की भी सख्त निंदा करते हैं और कोरियाई पेनिनसुला में न्यूक्लियर मुद्दे पर लंबे वक्त से जारी विवाद के डिप्लोमैटिक हल का समर्थन करते हैं। बता दें कि नॉर्थ कोरिया ने रविवार को छठा न्यूक्लियर टेस्ट (हाइड्रोजन बम का टेस्ट) किया था, जिस पर साउथ कोरिया, जापान और अमेरिका ने कड़ा एतराज जताया है।
शांति और विकास के लिए आपसी सहयोग सबसे अहम: मोदी
- मोदी ने समिट के प्लेनरी सेशन में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, "शांति और विकास के लिए आपसी सहयोग सबसे अहम है। इसी से विकास संभव है। ब्रिक्स बैंक ने कर्ज देने शुरू कर दिए हैं। ये विकास के काम के लिए नई पहल है। ब्रिक्स ने सहयोग के लिए एक मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया है। हमें दुनिया में स्टेबिलिटी में योगदान देना होगा। एक ताकतवर ब्रिक्स पार्टनरशिप और इनोवेशन विकास का जरिया बन सकता है।"
- "सोलर एनर्जी एजेंडा को मजबूती देने के लिए ब्रिक्स देश इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) के साथ काम कर सकते हैं। हमारा मिशन गरीबी को हटाना, हेल्थ, सफाई, स्किल (कौशल), फूड सिक्युरिटी, जेंडर इक्वैलिटी और एजुकेशन तय करना है।"
ब्रिक्स देश विकास में एक लेवल पर: जिनपिंग
- मोदी से पहले जिनपिंग ने प्लेनरी सेशन में स्पीच दी। जिनपिंग ने कहा, "मतभेदों के बावजूद ब्रिक्स के सभी 5 देश डेवलपमेंट के एक ही लेवल पर हैं। जब दुनिया में इतने बदलाव हो रहे हैं तो ब्रिक्स का सहयोग इस वक्त और अहम हो गया है। दुनिया के साथ हमारे नजदीकी रिश्ते की ये जरूरत है कि हम ग्लोबल गवर्नेंस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। अंतरराष्ट्रीय शांति और विकास से जुड़ी समस्याओं के हल के लिए हमें एक साथ एक आवाज में बोलना होगा।"
- जिनपिंग ने रविवार को समिट के बिजनेस फोरम का इनॉगरेशन किया था। इस मौके पर जिनपिंग ने ब्रिक्स देशों से सभी तरह के आतंकवाद से लड़ने के लिए समग्र नजरिया अपनाने की अपील की थी। उन्होंने आतंकवाद के लक्षण और जड़ तक जाने को कहा जिससे आतंकवादियों को कहीं भी ठिकाना न मिले।
इकोनॉमिक कोऑपरेशन पर 76 मिलियन डॉलर खर्च करेगा चीन
- जिनपिंग ने कहा, " कोऑपरेशन के बिना हम दुनिया की चुनौतियों का कामयाबी से सामना नहीं कर सकते। ब्रिक्स देशों के लिए चीन इकोनॉमिक और टेक्निकल कोऑपरेशन प्लान लॉन्च करेगा और इस पर 76 मिलियन डॉलर खर्च करेगा।"9वें ब्रिक्स समिट की थीम
- समिट की थीम बेहतर भविष्य के लिए मजबूत साझेदारी है। इस दौरान इकोनॉमिक, पॉलिटिकल और सिक्युरिटी के लिए सहयोग पर चर्चा होगी।
- थाईलैंड, मैक्सिको, मिस्र, ताजिकिस्तान और गिनी इस समिट के ऑब्जर्वर नेशन हैं।
- थाईलैंड, मैक्सिको, मिस्र, ताजिकिस्तान और गिनी इस समिट के ऑब्जर्वर नेशन हैं।
2009 में हुई थी पहली समिट, पिछली (2016) गोवा में
- ब्रिक की पहली समिट रूस में हुई थी। तब चार मेंबर ब्राजील, रूस, भारत और चीन थे। 2010 में साउथ अफ्रीका शामिल हुआ। तब यह ब्रिक से ब्रिक्स हो गया। पिछली ब्रिक्स समिट अक्टूबर 2016 में गोवा में हुई थी।
- ब्रिक की पहली समिट रूस में हुई थी। तब चार मेंबर ब्राजील, रूस, भारत और चीन थे। 2010 में साउथ अफ्रीका शामिल हुआ। तब यह ब्रिक से ब्रिक्स हो गया। पिछली ब्रिक्स समिट अक्टूबर 2016 में गोवा में हुई थी।
आंकड़ों में ब्रिक्स
- 42% आबादी है ब्रिक्स देशों में पूरी दुनिया की।
- 23% हिस्सा दुनिया की जीडीपी में ब्रिक्स देशों का।
- 17% हिस्सा दुनिया के ट्रेड का ब्रिक्स देशों में।
- 42% आबादी है ब्रिक्स देशों में पूरी दुनिया की।
- 23% हिस्सा दुनिया की जीडीपी में ब्रिक्स देशों का।
- 17% हिस्सा दुनिया के ट्रेड का ब्रिक्स देशों में।
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