हिरोशिमा दिवस पर आतंकवादी हथियारों का खतरा जानिए =




हिरोशिमा हमले को समर्पित (6 August 1945)


                                              Modern Science को नयी दिशा देने वाले महान वैज्ञानिक “Albert Einstein” जब General Relativity का paper लिख रहे थे तब उन्होंने कभी नहीं सोचा था की उनका जादुई समीकरण E = mc 2 एक दिन मानवता को महाविनाश का हथियार भी थमा देगा। इस formula के आधार पे विध्वंस के उस हथियार की खोज हुई जिसे हम कहते हैं – “परमाणु बम – Nuclear Bomb”

हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी 6 अगस्त 1945, की सुबह  सवा आठ बजे  USA Air Force  USA ने  जापान(Japan) के हिरोशिमा   पर परमाणु बम  "लिटिल बॉय" गिराया था। तीन दिनों बाद अमरीका ने 9 अगस्त9 9, नागासाकी शहर पर "फ़ैट मैन" परमाणु बम गिराया। हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम को USA पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट के सन्दर्भ में "लिटिल ब्वाय" और नागासाकी के बम को विन्सटन चर्चिल के सन्दर्भ में "फ़ैट मैन" कहा गया।
 इस हमले में करीब  से लाखों लोग मारे गए थे. शहर के 30 फीसदी लोगों की मौत तत्काल हो गई थी. वहीं, परमाणु विकिरण के कारण हजारों लोग सालों बाद भी अपना जान गंवाते रहे थे. इस हमले के बाद 9 अगस्‍त को नागासाकी शहर पर दूसरा परमाणु बम फेंका था.



आज जब दुनिया में हजारों Nuclear bombs बनाये जा चुके हैं जिनकी Destructive capacity, Hiroshima में गिराये first Nuclear bomb से million times ज्यादा है तो दुर्घटनाएं होना स्वाभाविक है। ऐसे में एक सवाल मन में उठता है की क्या हो अगर Nuclear reactors में आग लग जाए ? या कोई miscommunication हो जाये ? या कोई पागल अफसर ये इरादा बना ले के उसे आज तबाही देखनी है ? या क्या होगा अगर कोई गलती से ऐसा bomb कहीं गिरा दे?
23 जनवरी 1961 को 4 mega ton के Nuclear bomb को ले जाते USB-62 नामक एक American Bomber Aircraft अपना नियंत्रण खो कर North Carolina में गिर पड़ा और Nuclear fusion शुरू हो गया, luckily उस दिन सिर्फ एक safety switch ऐसा था जो on होने से रह गया था। सिर्फ एक switch, नहीं तो America का उस दिन इतिहास और भूगोल बदल गया होता क्योंकि ये बम Hiroshima पर गिराये गए बम से 260 गुना शक्तिशाली था।
9 अगस्त 1945 – हिरोशिमा में प्रथम परमाणु बम गिराने के बाद Charles Sweeney जिसने पहला bomb गिराया था, उसे कोकुरा (Kokura) नामक शहर पर दूसरा Nuclear bomb “Fatman” गिराने का आदेश मिला पर हवा में एक घंटे चक्कर लगाने के बावजूद bad weather के कारण वह रास्ता भटक गया और उसे different target की और जाने को कहा गया -” Nagasaki ” जहाँ अगले ही क्षण 80000 लोगों की लाशें बिछ गई।
आज 21st Century में हम लोगो का purpose है की हम Class-1 या Class-2 civilization बनने की ओर कदम उठाएं, एक ऐसी सिविलाइज़ेशन जो Nature’s Factors को control कर पाये, जो सितारों से खेल पाये, चाँद और मंगल (Moon & Mars) पर अपनी colonies को establish कर पाये पर problem वहां पहुचने के बाद नहीं बल्कि problem तो इसी वक़्त सर पर तलवार बन के लटक रहा है।

आज विज्ञान ने हमें development के opportunities दिए हैं, New Inventions, Technologies और Fundamental ideas हमारे चारो और बिखरे पड़े है पर साथ साथ हम Nuclear weapons के ढेर पर भी बैठे हैं। वो weapons जो एक झटके में पृथ्वी पर महाविनाश (Mass destruction) ला सकते हैं।
आज जो हम इस ब्रह्माण्ड के बारे में सीखते है या जानते है वो एक key के समान है -“A Key To Heaven”
पर वही key नरक का दरवाजा भी खोलती है। Titan-2 Missile का invention, deadly nuclear weapons के launching के लिये किया गया था, पर इसी ने उन Astronauts को space में पहुचाया जिन्होंने बाद में Moon पर Human-Civilization के footprint बनाये। Science हमें नहीं बताता की keys का use कैसे करना है।
जब भी हम News Papers के pages पलटते हैं तो अक्सर एक ऐसे future world को देखते हैं जिसे “Planet Human” कहना ज्यादा proper है, जहाँ Country borders तोड़ सब एक दूसरे के लिए खड़े हो कर एक दूसरे का साथ दे कर एक fear-free society बनाने के ideas पर काम करते दिखते हैं पर एक दूसरी problem भी है जो हमें आगे नहीं ले जाना चाहती बल्कि Middle Ages के dark past में धकेल देना चाहती है और जिसका नाम है – “आतंकवाद – Terrorism”
Development और Terrorism की इस लड़ाई में हम उम्मीद करते हैं की हम इस लड़ाई में winner के तौर पे उभरें और ये fight आज से नहीं हमेशा से है।
Religion और Science का जन्म ही humanity welfare के लिए होता है, पर history गवाह है की एक महान अच्छाई ही हमेशा महान बुराई के रूप में उभरती है और संसार के विनाश का कारण बनती है और आज जो विश्व का scenario हमारे सामने है वहां religion के नाम पर science को weapon बना कर Terrorism, World को destroy कर देना चाहता है। जब भी हम रात के अँधेरे में अपने ऊपर चमकते खूबसूरत सितारों को देखते हैं तो अक्सर दिमाग में एक thought आता है की Why we are alone?
14 billion year पहले जन्मे इस Infinite Universe में सिर्फ हमारी Galaxy- Milky Way में ही billions of planets ऐसे है जिनमें life के लिए basic elements मौजूद है, तो पिछले 14 billion years में क्यों कोई Class-2 civilization के level पर नहीं पहुंच पाई? क्यों आज तक हमें कही किसी और दुनिया के signals का इन्तजार है?  जवाब शायद थोड़ा depressing हो सकता है ,शायद universe में Class-0 civilizations ही ज्यादा व्यापक है क्योंकि जब मनुष्य development के direction में एक कदम ऊपर चढ़ता है तो Suicide का सामान भी खुद तैयार करता है। शायद कभी एक ऐसा वक़्त आये जब हम Inter-Galactic Travel (एक आकाशगंगा से दूसरे आकाशगंगा का सफर) के लायक हो और कुछ ऐसे planets ढूंढ पाएं, जहा ruins of Class-0 civilization, Radiation, और Mass-Destruction के footprint हमें देखने को मिले, एक ऐसी civilization जो एक कदम ऊपर बढ़ने से पहले ही finished हो गई। 



द्वितिय विश्वयुद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा शहर पर 6 अगस्त 1945 को सवा आठ बजे अमेरिका ने परमाणु बम गिराया. इस बम का नाम लिटल ब्वॉय था. इस हमले में करीब 80 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे. शहर के 30 फीसदी लोगों की मौत तत्काल हो गई थी. वहीं, परमाणु विकिरण के कारण हजारों लोग सालों बाद भी अपना जान गंवाते रहे थे. इस हमले के बाद 9 अगस्‍त को नागासाकी शहर पर दूसरा परमाणु बम फेंका था.
जानिए हिरोशिमा परमाणु हमले से सबंधित कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स :
1. इस बम के कारण जमीनी स्तर पर लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पैदा हुई थी.
2. बम हिरोशिमा के तय जगह पर नहीं गिराया जा सका था, यह हिरोशिमा के आइयो ब्रिज के पास गिरने वाला था मगर उल्टी दिशा में बह रहे हवा के कारण यह अपने लक्ष्य से हटकर शीमा सर्जीकल क्लिनीक पर गिरा.
3. कनेर (ओलियंडर) नाम का फूल इस हमले के बाद सबसे पहले खिला था. यह हिरोशिमा का ऑफिशियल फूल है.
4. यूएस एयरफोर्स के जवानों ने हमले से पहले लोगों को चेतावनी देने के लिए पर्चा गिराया था.
5. एनोला गे नाम के अमेरिकी बी-29 बॉम्बर से परमाणु बम गिराया गया था.
6. परमाणु बम तकरीबन 4000 किलोग्राम का था.
7. परमाणु हमले में कुछ पुलिसवालों ने अपनी जान एटॉमिक चमक दिखने के बाद खास तरीके से छुपकर बचाई थी. इस प्रक्रिया को 'डक एंड कवर' कहा जाता है. इन पुलिसवालों ने नागासाकी जाकर बचाव के इस तरीके की जानकारी दी. जिससे नागासाकी परमाणु हमले में काफी लोगों ने अपनी जान बचाई.
8. लिटल ब्वॉय को मैनहट्टन प्रोजेक्ट के तहत लॉस अलामोस में तैयार किया गया था.
9. परमाणु बम के कारण शहर के 90 फीसदी डॉक्टर मारे गए थे. इस कारण घायल होने वालों का इलाज जल्द से जल्द संभव नहीं हो पाया.
10. हिरोशिमा के इंडस्ट्री प्रोमोशनल बिल्डिंग को हमले के बाद पीस मेमोरियल के रूप में बनाया गया.
11. धमाके से 3900 डिग्री सेल्सियस तापमान गर्मी और 1005 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली आंधी पैदा हुई.
12. इस बम में 6.4 किलोग्राम प्‍लूटोनियम था.
13. अगर जापान 14 अगस्‍त को सरेंडर नहीं करता तो अमेरिका ने 19 अगस्‍त को एक और शहर पर परमाणु बम गिराने की योजना बनाई थी.

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