साइबर हमले रोकने के लिए नई सुरक्षा नीति
New security policy to prevent cyber attacks
🇮🇳भारत में साइबर हमलों के लेकर खा़सी चिंता जताई जाती रही है:-
भारत सरकार ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति-2013 जारी कर दी है.
📌इसका मकसद देश में अनुकूल साइबर सिक्योरिटी सिस्टम (Security System) तैयार करना है जो वैश्विक माहौल के अनुरूप हो ताकि साइबर हमलों को रोका जा सके.
📌इस मौके पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने नई दिल्ली में कहा, “राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति-2013 देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर सुरक्षा का आश्ववस्त माहौल तैयार करेगी.
📌लेकिन ऐसी अर्थपूर्ण नीति तैयार करने का काम काफी चुनौतीपूर्ण है जिसमें सारे अहम मुद्दे शामिल किए गए हों.”
*क्या भारत में साइबर सेंधमारी हुई ?*
कपिल सिब्बल का कहना था कि ये नीति एक फ्रेमवर्क है लेकिन असली चुनौती इस नीति को अमली जामा पहनाने की है.
📌उन्होंने कहा, “एयर डिफ़ेंस सिस्टम, परमाणु प्लांट, दूरसंचार प्रणाली इन सबको साइबर सुरक्षा देनी होगी ताकि ऐसा कुछ न हो जिससे देश की अर्थव्यवस्था के स्थायित्व पर ख़तरा हो.”
1*⭕️नोडल (Nodal Agency) एजेंसी बनेगी*
पीटीआई के मुताबिक सुरक्षित साइबरसिस्टम तैयार करने के लिए इस नीति के तहत एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी बनाने की योजना है ताकि देश में साइबर सुरक्षा से जुड़े सारे मामलों को लेकर समन्वय बनाया जा सके.
2*🔵इस एजेंसी की स्पष्ट भूमिका और ज़िम्मेदारियाँ होंगी.*
कपिल सिब्बल ने इस बात को रेखांकित किया कि साइबर ख़तरा किसी से भी हो सकता है- आतंकवादियों से, मादक पदार्थ के तस्करों से और हिंसा भड़काने वाले तत्वों से.. इसलिए भारत को इससे निपटने के लिए तैयार रहना होगा.
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*साइबर हमलावरों की बढ़ती चुनौती से कितना सुरक्षित भारत?
गोल्डन आई(Golden Eye) या पैटव्रैप (Patwrap) नाम के वायरस(Virus) ने यूक्रेन, रूस, ब्रिटेन समेत यूरोप के कई देशों के अलावा भारत में भी कंप्यूटरों को प्रभावित किया है
इसी साल मई के महीने में विश्व के 150 से अधिक देशों में रैनसमवेयर वायरस (Ransomware Virus) हमले से हड़कंप मच गया था.
🔵इसके डेढ़ महीने बाद एक बार फिर से पैटव्रैप साइबर अटैक (Patwrap cyber attack) से दुनिया डरी हुई है.
🔴दुनिया ने 12 मई को साइबर हमले का खौफ देखा था.
⭕️ठीक 47 दिन बाद एक बार फिर से वायरस हमले हुए हैं. इस वायरस हमले के चपेट में कई देशों के लाखों कंप्यूटर आ गए हैं.
⭕️वायरस के ताजा हमलों के शिकार नए कंप्यूटर भी हुए हैं.
⭕️ठीक 47 दिन बाद एक बार फिर से वायरस हमले हुए हैं. इस वायरस हमले के चपेट में कई देशों के लाखों कंप्यूटर आ गए हैं.
⭕️वायरस के ताजा हमलों के शिकार नए कंप्यूटर भी हुए हैं.
गोल्डन आई या पैटव्रैप नाम के नए वायरस ने यूक्रेन, रूस, ब्रिटेन समेत यूरोप के कई देशों के अलावा भारत में भी कंप्यूटरों को खूब प्रभावित किया है. जानकार मानते हैं कि यह रैनसमवेयर नामक वायरस हमले से ये ज्यादा खतरनाक है. दुनिया के आईटी विशेषज्ञों ने इस वायरस की पहचान पैटव्रैप या गोल्डन आई के तौर पर की है.
🇮🇳📲साइबर हमले का खतरा लगातार बना रहेगा:-
दुनियाभर में हो रहे साइबर हमले के जरिए दूसरे बड़े खतरों के लिए तैयार रहने की सबक दी जा रही है. साइबर एक्सपर्ट की राय है कि देश की साइबर सुरक्षा पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो सरकार के ‘डिजिटल इंडिया' (Digital India) और ‘कैशलेस इकॉनमी' (Cashless Economy) जैसे अभियानों के भविष्य पर रैनसमवेयर(Ransomware) ‘वानाक्राई'(Vanakrai), ‘पैटव्रैप (Patwrap) या गोल्डन आई’ (Golden Eye) सवाल खड़े कर देंगे. इन पर साइबर हमले का खतरा लगातार बना रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट के वकील और साइबर कानून के जानकार पवन दुग्गल ने फ़र्स्टपोस्ट (Firstpost) हिंदी से बात करते हए कहा कि ‘देश को साइबर सुरक्षा पर बहुत अधिक काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा के बगैर सरकार के 'डिजिटल इंडिया' और 'कैशलेस इकॉनमी' जैसे महत्वाकांक्षी अभियानों पर हमेशा साइबर हमले का खतरा बना रहेगा.’
बीते कुछ महीनों में दुनिया के लगभग 150 देशों के कंप्यूटरों साइबर अटैक के शिकार हुए हैं
पवन दुग्गल आगे कहते हैं, 'आधार कार्ड पहचान के लिए लोगों की करीब-करीब सारी जानकारियां कंप्यूटर पर सुरक्षित हैं. इस पर हमला होने से बहुत मुश्किल खड़ी हो सकती है. ये बहुत संवेदनशील मामला है.’
दुग्गल कहते हैं, ‘देश में साइबर सुरक्षा से जुड़े कानून ही नहीं हैं. अभी तक आईटी कानून- 2013 को भी अमल में नहीं लाया गया. भारत सरकार को शीघ्र विश्व के अन्य देशों के साथ मिलकर साइबर सुरक्षा से संबंधित कानून का मसौदा तैयार करना चाहिए. आधार पहचान के लिए लोगों की करीब-करीब सारी जानकारियां कंप्यूटर पर सुरक्षित हैं. अगर आधार पर हमला होने से बहुत मुश्किल खड़ी हो सकती है. ये बहुत संवेदनशील मामला है.
देश में साइबर हमले के बारे में रिपोर्ट करने का रिवाज नहीं:-
पवन दुग्गल आगे कहते हैं, ‘हमारे देश में साइबर हमले के बारे में रिपोर्ट करने का रिवाज ही नहीं है. सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक समेत ज्यादातर कारोबारी और वित्तीय संस्थान अपने यहां हुए साइबर हमले की रिपोर्ट नहीं करते हैं, जबकि आईटी कानून- 2013 के तहत बैंकों और कंपनियों को अपने यहां हुए किसी भी साइबर हमले की रिपोर्ट करना अनिवार्य है.'
कंप्यूटरों को अपने नियंत्रण में लेने के बाद यह वायरस फाइलों को खोलने के बदले में यूजर्स से 300 से 600 बिटकॉइन (Bitcoin)भुगतान करने की मांग करता है.
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पवन दुग्गल का कहना है कि भारत में आईटी एक्ट काफी कमजोर हैं. हैकर्स आसानी से भारतीय साइबर कानून को टेक्नोलॉजी से मात दे देते हैं. साइबर अटैकर्स के लिए भारत सबसे सुरक्षित जगह बनता जा रहा है.
पवन दुग्गल का कहना है कि भारत में आईटी एक्ट काफी कमजोर हैं. हैकर्स आसानी से भारतीय साइबर कानून को टेक्नोलॉजी से मात दे देते हैं. साइबर अटैकर्स के लिए भारत सबसे सुरक्षित जगह बनता जा रहा है.
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पवन दुग्गल कहते हैं, ‘सरकार को कई ठोस कदम उठाने की जरूरत है. भारत में इस समय साइबर सुरक्षा से जुड़ा कोई मजबूत कानून नहीं है. ऐसे में साइबर हमला होने पर हम हैकर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं कर सकते. साइबर हमलावर के लिए एक दंडनीए अपराध घोषित करने की जरूरत है. आज भारत में साइबर अपराध करने वालों के लिए सजा का प्रावधान नहीं है. धाराएं जमानती है. साइबर अपराध के लिए कम से 7 से 10 साल का सजा का प्रावधान होना चाहिए.'
🔵सरकार सूचना प्रौद्योगिकी कानून में संशोधन करे:-
आगे कहते हैं, ‘सरकार सूचना प्रौद्योगिकी कानून (Information Technology Law) में संशोधन करे. सरकार कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम शुरू करे. स्कूल और कॉलेजों में साइबर सुरक्षा को लेकर लोगों को जागरूक किया जाए.'
पिछले दिनों पूरी दुनिया पर हुए साइबर अटैक के बाद देशभर में कई एटीएम(ATM) बंद हो गए थे. गृह मंत्रालय ने एडवायजरी जारी कर देश भर में कई एटीएम को बंद करने का फैसला लिया था. सरकार की ओर से एहतियातन ये फैसला लिया गया था.
सरकारी तंत्र ने साइबर सुरक्षा के लिए अगले पांच साल का खर्च 275 करोड़ रुपए रखा है. सूचना केंद्र (NIC)) ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि देश में पिछले साल 32 हजार से ज्यादा साइबर हमले हुए. केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के कंप्यूटरों पर 5 करोड़ से ज्यादा वायरस हमले हुए.
देश भर में साइबर सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है. केंद्र सरकार साइबर सुरक्षा को लेकर कठोर कदम उठा रही है लेकिन साइबर हमले में कमी नहीं आ
रही है.
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